Saturday 29 December 2012

एलोवेरा बनेगा किडनी का सुरक्षा कवच


वनस्पतियों में छिपे औषधीय गुणधर्म हजारों साल से जीवन को संजीवनी देते रहे हैं, लेकिन उनके अनुसंधान पर परिणामी काम नहीं हुआ। अंग्रेजी दवाओं की भेंट चढ़ती जिंदगी में फिर से जान फूंकने के लिए चिकित्सा जगत आयुर्वेद की शरण में खड़ा हैं। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलोजी विभाग में गिलोय के बाद अब एलोवेरा पर चल रहे एक शोध में इसे किडनी रोगों पर अत्यंत लाभकारी पाया गया है।

चरक संहिता में भी एलोवेरा को औषधीय गुणों से लवरेज बताया गया है, किंतु वैज्ञानिक शोध पर आधारित पुष्टि की कमी रही। फार्मोकोलोजी विभाग की एमडी की छात्रा डॉ. शालिनी वीरानी ने चूहों पर किए गए एक शोध में पाया कि एलोवेरा के सेवन से एक माह में उनकी किडनी पूरी तरह ठीक हो गई।

इसके लिए चूहों को दो ग्रुप में बाटा गया। पहले ग्रुप में स्वस्थ चूहे, जबकि दूसरे में किडनी के रोगी चूहे रखे गए। स्वस्थ चूहों को लगातार एलोवेरा का डोज दिया गया, जिसके बाद उनमें किडनी रोग का संक्त्रमण नहीं लगा। जिन चूहों की किडनी फेल की गई थी, उन्हें एक माह तक एलोवेरा की खुराक ने पूरी तरह ठीक कर दिया। एलोवेरा की खुराक से चूहों के लीवर की क्षमता भी बढ़ी मिली।

महंगी डायलिसिस से मिलेगी निजात

किडनी रोगियों की संख्या बढ़ने से चिकित्सा के समक्ष एक कठिन चुनौती है। एलोपैथिक में किडनी रोगियों को डायलिसिस पर रखा जाता है, जो महंगा होने के साथ-साथ साइड इफेक्ट भी करता है। एलोवेरा से किडनी रोगों में चमत्कारिक सुधार के संकेत से अब विभाग ट्रायल का दूसरा चरण शुरू करेगा। बाद में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया जाएगा। 



No comments:

Post a Comment