Monday 17 December 2012

रक्त से स्टेम सेल बनाने की तकनीक खोजी


अब मरीज के गंभीर रोगों का इलाज उसी के खून से संभव हो सकेगा। यह कामयाबी मिलेगी रक्त को स्टेम सेल के रूप में विकसित करने की तकनीक से जिसे कैंब्रिज विश्‌र्र्वविद्यालय में कार्यरत गोरखपुर की बेटी इंबिशात गेती ने खोज निकाला है। रक्त से बनी कोशिकाओं का प्रयोग कर हृदय, दिमाग, आख, अस्थि आदि अंगों की बीमारियों का इलाज हो सकेगा।

गेती का शोध दुनिया के जाने-माने जर्नल स्टेम सेल्स ट्रास्लेशनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। शोध में रक्त से बनी स्टेम सेल्स का प्रयोग रक्त वाहिनिया बनाने में किया गया है। चिकित्सा विज्ञान में इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इंबिशात के मुताबिक इन स्टेम सेल्स की खासियत यह है कि वे अपने को शरीर के किसी भी अंग की कोशिकाओं के रूप में विकसित कर सकती हैं। इसी विशेषता के कारण ये हृदय, दिमाग, किडनी, नेत्र सहित किसी भी अंग की बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हैं। शोध के समय गेती ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि ये कोशिकाएं एक ऐसे रिपेयर सेल के रूप में काम करें जो रक्त के जरिये पहुंचकर रक्त वाहिनियों की मरम्मत कर सकें। इस शोध निष्कर्ष के बाद उन्हें स्टेम सेल के तौर पर विकसित किया गया है।

इंबिसात गेती ने बताया कि स्टेम सेल बनाने का सबसे आसान व सुलभ स्त्रोत मरीज का रक्त है। हमने इस तकनीक को आसान, सस्ता व जल्द पूरा होने वाला बनाने की कोशिश की है। इंबिशात ने गोरखपुर विश्‌र्र्वविद्यालय से बीएससी और बैंगलोर से एमएससी किया। इसके बाद कैंब्रिज विश्‌र्र्वविद्यालय ज्वाइन कर शोध कार्य शुरू किया। उनका शोध पत्र हाल ही में प्रकाशित हुआ है। शोध में 11 लोगों ने उनका सहयोग किया है। स्टेम सेल खुद को शरीर के किसी भी अंग की कोशिकाओं के रूप में विकसित कर सकती हैं। नए सेल्स का निर्माण भी कर सकती हैं।

कैसे बेहतर नई तकनीक

-स्टेम सेल्स कई तरह के होते हैं। इपिथियल स्टेम सेल्स त्वचा कोशिकाओं के रूप में विकसित किए जा सकते हैं।

-न्यूरो स्टेम सेल्स न्यूरो संबंधित रोगों के इलाज में कारगर हैं, पर यह दोनों स्टेम सेल्स सिर्फ उसी अंग के इलाज में कारगर हैं जहा से निकाले गए हैं।

-बड़ी उम्र के लोगों के अंगों से स्टेम सेल्स तैयार करने में दिक्कत है कि उन्हें अलग करना आसान नहीं होता, क्योंकि वे सीमित मात्रा में होते हैं।

-भ्रूण से बने स्टेम सेल्स हर तरह की कोशिकाएं बना सकते हैं लेकिन इससे इलाज में कई दिक्कतें भी हैं।

-भ्रूण हत्या से जुड़ी होने के कारण यह तकनीक विवादित है। साथ ही ऐसी कोशिकाओं को शरीर आसानी से स्वीकार नहीं कर पाता, जैसी दिक्कत अंग प्रत्यारोपण में आती है।

-स्टेम सेल का एक दूसरा जरिया मानव त्वचा है। इसे भी शरीर स्वीकार कर सकता है, पर त्वचा या अन्य अंगों से निकाली कोशिकाओं के लिए बायोप्सी करनी पड़ती हैं।

-ये सभी तरीके कठिन होने के साथ ही खर्चीले व अधिक समय लेने वाले हैं। रक्त से तैयार स्टेम सेल्स निकालने का तरीका आसान, कम खर्चीला व कारगर है। 

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