Wednesday 6 March 2013

किडनी को बचाएं पथरी से

डेडलाइंस का दबाव और घंटों कुर्सी पर बैठे रहना, लंबी मीटिंग्स के दौरान यूरिनेशन कंट्रोल, अनियमित खानपान, जंक फूड.., आज की पीढ़ी इसी जीवनशैली की अभ्यस्त है। इस कार्य-संस्कृति की कीमत चुका रही है सेहत। यह जीवनशैली डायबिटीज व हृदय-रोगों के अलावा किडनी स्टोन को भी जन्म दे रही है। गुर्दे में पथरी के दो बड़े कारण हैं। पहला पानी कम पीना और दूसरा मूत्रत्याग रोकना।

क्या है किडनी स्टोन

नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार यूरोलॉजिस्ट डॉ. अंशुमान अग्रवाल कहते हैं, 'यूरिन में मौजूद सॉल्ट व मिनरल्स से मिलकर बनती है पथरी। पथरी धूल-कणों जितनी छोटी भी हो सकती है और गोल्फ बॉल जितनी बड़ी भी। ये सभी तत्व यूरिनेशन के जरिये बाहर निकलते हैं। गुर्दे की पथरी आजकल आम समस्या बन चुकी है। हर वर्ष लगभग तीन मिलियन लोग इन समस्याओं के चलते अस्पताल जाते हैं और इनमें से एक चौथाई से अधिक इमरजेंसी में भर्ती होते हैं। पुरुषों में ये मामले अधिक हैं।'

दिल्ली स्थित हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं, 'किडनी का दिल से भी सीधा संबंध है। यह स्वस्थ है तो दिल भी स्वस्थ रहेगा। साल में कम से कम एक बार इसकी जांच करानी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अल्ट्रासाउंड जांच से भी किडनी संबंधी रोगों के बारे में पता चल जाता है।'

किडनी स्टोन क्यों होता है? हम रोज जो भी भोजन करते हैं, उनमें से पाचन क्रिया के बाद भी कैल्शियम फॉस्फेट जैसे कुछ तत्व बचे रहते हैं, जो गुर्दे में एकत्र होते हैं। इसके सूक्ष्म कण तो मूत्र के जरिये बाहर निकल जाते हैं, लेकिन कुछ कण नहीं निकल पाते और मिलकर कंकड़ या पेबल जैसे बन जाते हैं। ये कण मूत्र नली में पहुंचकर मूत्र को बाधित करने लगते हैं, इससे दर्द होता है। इलाज में देरी होने पर कई बार मूत्र के साथ रक्त आने लगता है।

प्रमुख कारण

डॉ. दीपिका नितेश शर्मा कहती हैं पथरी के ये कारण हो सकते हैं-

1. पानी कम पीना और यूरिन देर तक रोकना

2. अनियमित दिनचर्या और खानपान

3. यूटीआई इन्फेक्शन भी इसका एक कारण हो सकता है

4. यह रोग आनुवंशिक भी हो सकता है

5. कुछ लोगों को कैल्शियम कार्बोनेट माफिक नहीं आता, इससे भी पथरी बनने लगती है।

उपचार

नोएडा स्थित योगा एंड नेचर केयर सेंटर के

डॉ. आर.एम. गुप्ता के अनुसार, 'रक्त में किसी भी अनावश्यक तत्व को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने की जिम्मेदारी किडनी की होती है। नेचुरोपैथी में स्टीम बाथ, हाइड्रोपैथी व मड थेरेपी के जरिये किडनी स्टोन को गलाने की कोशिश की जाती है।

डॉ. दीपिका कहती हैं, पथरी यदि छोटी और प्राथमिक चरण में हैं तो अधिक पानी पीने से ये मूत्र के साथ बाहर निकल सकती है। शुरुआती दौर में होमयोपैथी व आयुर्वेद से भी इसका इलाज संभव है। स्टोन बड़े होने के बाद सर्जरी से ही इसका उपचार किया जा सकता है।

क्या न करें

गुर्दे की पथरी होने पर दूध या दुग्ध उत्पादों का सेवन कम करें। अचार, चटनी, मांस, मछली, चिकन, जंक फूड का सेवन कम करें। हरी सब्जियां अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें।

बच्चों को घेर रही है पथरी

किडनी स्टोन छोटे बच्चों को भी परेशान कर रहा है। हालांकि यह आम समस्या नहीं है। डॉ. अंशुमान अग्रवाल के अनुसार, उनके पास एक चार महीने के बच्चे का केस आया, जिसकी किडनी के मुंह पर जन्म से ही रुकावट थी। बच्चों में पथरी के कुछ कारण हैं। जैसे अधिक नमक, ओबेसिटी और एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन। भारत में अभी ऐसे कोई आंकड़े नहीं हैं कि बच्चों को यह रोग क्यों हो रहा है। लेकिन खानपान की गड़बड़ी इसका एक बड़ा कारण है। बच्चों में यह रोग कभी-कभी आनुवंशिक भी हो सकता है। विटमिन व प्रोटीन की कमी भी इसका कारण हो सकता है। महानगरों में वर्ष भर में अलग-अलग अस्पतालों में बच्चों के ऐसे सात से आठ मामले तक आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों को दिन भर में कम से कम 6-7 गिलास पानी अवश्य पिलाएं। अगर उन्हें किडनी स्टोन की समस्या है तो उन्हें नमकीन पेय पदार्र्थो का सेवन कम कराएं। चिकित्सक की सलाह पर बच्चों को कैल्शियम अवश्य दें, क्योंकि खाने में मौजूद कैल्शियम पथरी बनाने वाले ऑक्सेलेट से जुड़कर पथरी को बनने से रोकता है। बच्चों को जंक फूड कम से कम दें और ओबेसिटी से बचाएं।

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