Friday 1 February 2013

पीठ दर्द को कहो अलविदा


कई तरह के तनावों और दबावों से भरी नए दौर की भागमभाग वाली जीवनशैली के कारण लोग तमाम व्याधियों के शिकार होते देखे जा रहे हैं।

अनावश्यक भावनात्मक दबावों, कई बार गलत मुद्रा में उलटे-सीधे तरीके से उठने-बैठने या खड़े होने के कारण लोग ऐसी मुश्किलों के शिकार हो जाते है जिनकी पकड़ से छूटना कठिन होता है। इनमें से ही एक है पीठ का दर्द। पीठ का दर्द एक ऐसी व्याधि है जो अकेले नहीं आती। इसके चलते कंधों में दर्द, मांसपेशियों में लोच की कमी, वजन का घटना, गर्दन में दर्द, कमजोरी और कभी-कभी सिरदर्द की भी शिकायत हो सकती है।

पीठ के लिए योग थेरेपी

पीठ में जब हलका दर्द महसूस हो रहा हो उसी समय से अगर योगासन शुरू कर दें तो उस पर नियंत्रण कर गंभीर दिक्कतों का शिकार होने से आप स्वयं को बचा सकती है। बेहतर यह होगा कि किसी योग्य शिक्षक से सलाह कर आसनों का एक पूरा समूह चुनें और उनका नियमित अभ्यास करे। इससे पूरे शरीर में संतुलन बने रहने से रीढ़ में लोच और मजबूती दोनों बनी रहेगी। इस तरह पीठ में किसी प्रकार की व्याधि नहीं होने पाएगी।

मार्जारी आसन की विधि

1. दोनों घुटनों और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर घुटरूं खड़ी हो जाएं।

2. हाथों को जमीन पर बिलकुल सीधा रखें। ध्यान रखें कि हाथ कंधों की सीध में हों और हथेली फर्श पर इस तरह टिकाएं कि उंगलियां आगे की तरफ फैली हों।

3. हाथों को घुटनों की सीध में रखें, बांहे और जांघें भी फर्श से एक सीध में होनी चाहिए।

4. घुटनों को एक-दूसरे से सटाकर भी रख सकती है और चाहे तो थोड़ी दूर भी। यह इस आसन की आरंभिक अवस्था है।

5. इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ खींचते हुए सांस अंदर खींचें। इसे इस स्थिति तक लाएं कि पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे।

6. सांस अंदर की ओर तब तक खींचती रहे जब तक कि पेट हवा से पूरी तरह भर न जाए। इस दौरान सिर का ऊपर उठाए रखें। सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें।

7. इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं।

8. अपनी दृष्टि नाभि पर टिकाएं।

9. सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़े और पेट को पूरी तरह खाली कर दें और नितंबों को भी भीतर की तरफ खींचें।

10. सांस को फिर तीन सेकंड तक रोकें और सामान्य दशा में वापस आ जाएं। इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।

श्वसन

सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया जितना भी संभव हो सके, उतना ही धीरे-धीरे करे। कोशिश यह करे कि सांस भीतर खींचने में कम से कम पांच सेकंड लगें और फिर छोड़ने में भी कम से कम इतना ही समय लगे।

कितनी बार करे

एक बार में आप पांच से दस बार तक इस आसन की पूरी प्रक्रिया को दुहरा सकती है।




SHAKUNTLA NURSING HOME & HOSPITAL : It has become one of the leading referral centre of the city for routine and advanced Medical, Surgical, Dental, Maternity, Orthopedic services and various other procedures. We provide Best hospital in India, Emergency clinic and hospital, Best hospital in Delhi, Maternity center in delhi, Nursing home delhi, Maternity hospital, Fitness hospital and nursing home, Healthcare hospital, Preventive health checkups, Nutrition nursing home , Pregnancy hospital, Maternity nursing home, Medical nursing home, Ultra sound hospital, Orthopedic services & X-ray service hospital.

1 comment: