अधिक चाय पीने वाले पुरुषों के लिए चेतावनी है कि अगर वो दिन में सात कप या उससे अधिक अधिक पीते हैं तो उन्हें प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है.
ब्रिटेन के ग्लासगो विश्वविद्यालय ने छह हजार लोगों पर 37 वर्षों तक शोध करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.
उन्होंने अपने शोध में बताया है कि जो लोग भर दिन में सात या सात से अधिक कप चाय पीते हैं उन्हें चाय न पीने वाले या सात कप से कम चाय पीने वालों की तुलना में पचास फीसदी अधिक कैंसर होने की आशंका है.
हालांकि ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा है कि वो यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि चाय की वजह से ही कैंसर हो रहा है या फिर उस खास जगह पर उनके रहने से लोगों को कैंसर हो रहा है.
मरीजों में वृद्धि
स्कॉटलैंड के पुरुषों में प्रोटेस्ट कैंसर पिछले दस साल में लगभग 7.4 फीसदी की दर से बढ़ी है.
स्कॉटलैंड में मिडस्पान के सहयोग से यह शोध वर्ष 1970 में शुरु हुआ जिसमें 21 साल से 75 साल के 6,016 पुरुषों को शामिल किया गया था.
जिन लोगों के उपर यह शोध किया गया, उन्हें एक प्रश्न सूची देकर उनसे उनके खान-पान के बारे में पूछा गया था कि वे चाय, कॉफी, सिगरेट या फिर शराब कितना पीते हैं और सामान्यतया उन लोगों का स्वास्थ्य कैसा रहा है. उसके बाद उनके स्वास्थ्य की जांच भी की गई थी.
शोध में शामिल किए गए लोगों में पाया गया उनमें से एक चौथाई लोग अधिक मात्रा में चाय पीते थे.
प्रोस्टेट कैंसर
शोध में पाया गया कि उनमें से 6.4 फीसदी लोगों में 37 वर्षों के दौरान प्रोस्टेट कैंसर पाया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो पुरुष भर दिन में सात कप चाय पीते हैं उनमें चार कप या उससे कम चाय पीनेवालों के मुकाबले में कैंसर का खतरा बढ़ा हुआ है.
इसके प्रमुख शोधकर्ता ग्लासगो विश्ववद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड वेलबीइंग के डॉक्टर खरीफ शफीक थे.
डॉक्टर शफीक का कहना है, “पहले किए गए ज्यादातर शोध में यह बताया गया है कि चाय पीने वालों को कैंसर या तो नहीं होता है या फिर कैंसर में काली चाय पीना या ग्रीन टी पीना लाभदायक होता है.”
उनका कहना था, “हमें नहीं पता कि चाय पीने से ही कैंसर होता है या फिर जहां वे रह रहे हैं उन्हें कैंसर होता है. लेकिन शोध से हमें पता चला कि जो लोग ज्यादा चाय पीते हैं वे कम मोटे होते हैं, वे समान्यतया शराबी नहीं होते हैं और उनका कोलेस्ट्रोल स्तर कम होता है.”
डॉक्टर शफीक का कहना है, “हमने अपने विश्लेषण में उन सभी बातों को ध्यान में रखा लेकिन पाया कि जो लोग ज्यादा चाय पीते हैं वे प्रोसटेट कैंसर के अधिक शिकार होते हैं.”
ग्रीन टी
इडिनबर्ग एंड लोथियन प्रोसटेट कैंसर सपोर्ट ग्रुप के सदस्य क्रिस गार्नर का कहना है कि उस शोध से वो चाय पीना नहीं छोड़ेंगें.
दस साल पहले उन्हें पता चला कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है. उस समय से उन्होंने गुणकारी खाना खाना शुरु कर दिया और ग्रीन चाय पीनी शुरु कर दी.
क्रिस गार्नर का कहना है, “होता यह है कि आपको एक तरफ कुछ और बताया जाता है और दूसरी तरफ कुछ और बताया जाता है और आप इस असमंजस में फंसे होते हैं कि किसे सही मानें. लेकिन मेरा कहना है कि अगर आप बेहतर खाना खाते हैं तो चाय पीना या न पीना इतना महत्वपूर्ण रह नहीं जाता.”
प्रोटेस्ट कैंसर चैरिटी के प्रमुख डॉक्टर केट होम्स का कहना है, “ऐसा लगता है कि जिन छह हजार लोगों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया है और जो लोग प्रतिदिन सात या उससे अधिक चाय पीते हैं, उनके उपर किए गए शोध में परिवार और उनके खाने-पीने की आदतों का ध्यान नहीं रखा गया है.”
केट होम्स के अनुसार, “इसलिए हम यह नहीं चाहेगें कि कोई व्यक्ति इस बात से परेशान हों कि अगर वो चाय पीते हैं तो उन्हें प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है जबकि वो बेहतर खाना खाते हैं.”
इस शोध को न्यूट्रीशन एंड कैंसर पत्रिका ने छापा है.
Shakuntla Hospital provide Maternity Hospital, X-Ray Service Hospital, Ultra Sound Hospital, Maternity Nursing Home, Women's Health, Medical Treatment, Healthcare Hospital, Stone Removal, Urological Solution, Specialist Doctors, Preventive Health Checkups Services, Stone removal, X-ray service hospital, Women's health, Medical treatment &Urological solution.
Shakuntla Hospital provide Maternity Hospital, X-Ray Service Hospital, Ultra Sound Hospital, Maternity Nursing Home, Women's Health, Medical Treatment, Healthcare Hospital, Stone Removal, Urological Solution, Specialist Doctors, Preventive Health Checkups Services, Stone removal, X-ray service hospital, Women's health, Medical treatment &Urological solution.
Women's Health |
Medical Treatment |
Stone Removal |
Urological Solution |
Specialist Doctors |
No comments:
Post a Comment