बच्चों में अस्थमा का मुख्य कारण दूषित वातावरण है। इसके साथ ही कुछ मांएं अपने बच्चों को स्तनपान नहीं करवाती हैं, जिसका असर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता और उसकी सेहत पर पड़ता है। जिससे वे अस्थमा सहित कई दूसरी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
अस्थमा श्वास संबंधी रोग है। इसमें श्वास नलिकाओं में सूजन आने से वे सिकुड़ जाती हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्थमा का अटैक आने पर श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है।
अस्थमा के कारण
एलर्जी- एलर्जी और अस्थमा का गहरा संबंध होता है। कुछ बच्चे पर्दे, गलीचे, कार्पेट, धुएं, रूई के बारीक रेशे, ऊनी कपड़े, फूलों के पराग, जानवरों के बाल, फफूंद और कॉकरोच जैसे कीड़े के प्रति एलर्जिक होते हैं।
मोटापा- मोटापा भी अस्थमा का एक बड़ा कारण है। बच्चों का अधिक वजन फेफड़ों पर अधिक दबाव डालता है जिससे अस्थमा की आशंका बढ़ जाती है।
वायु प्रदूषण- प्रदूषण की वजह से अस्थमा की समस्या लगातार बढ़ रही है।
स्मोकिंग- सिगरेट के धुएं से भरे माहौल में रहने वाले शिशुओं को अस्थमा होने का खतरा होता है। यदि प्रेग्नेंसी के दौरान कोई स्त्री सिगरेट के धुएं के बीच रहती है, तो उसके बच्चे को अस्थमा होने का खतरा होता है।
मौसम का बदलाव- तापमान में बदलाव से एलर्जी के मामले बढ़ते हैं। ज्यादा गर्म और नम वातावरण में अस्थमा के फैलने की सम्भावना अधिक होती है। ठंडी हवा से भी अस्थमा का दौरा पड़ सकता है।
आनुवांशिक- आमतौर पर अस्थमा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता है। जब माता-पिता दोनों को अस्थमा होता है, तो उनके बच्चों को भी अस्थमा होने की संभावना अधिक रहती है।
अस्थमा के लक्षण
दिल की धड़कन का बढऩा
अक्सर सर्दी-जुकाम या खांसी का होना
रात में और सुबह कफ की शिकायत होना
सांस लेने में परेशानी, बेचैनी
खेलने और एक्सरसाइज के दौरान जल्दी थकना व सांस फूलना
सीने में जकडऩ व दर्द की शिकायत
सांस लेने पर घरघराहट जैसी आवाज आना
अपनाएं ये परहेज
अस्थमा होने पर बच्चों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि वे सामान्य जिंदगी व्यतीत कर सकें।
एलर्जी के कारणों से रहें दूर- जिन चीजों से एलर्जी हो उनसे दूर रहें, जैसे कुछ बच्चो को पुरानी किताबों की गंध, परफ्यूम, अगरबत्ती, धूप, कॉकरोच, पालतू जानवरों आदि से एलर्जी होती है।
उचित खान-पान- अस्थमा की वजह गलत खानपान भी है। तला हुआ खाना अस्थमा को बढ़ाता है। जंक फूड न खाएं इससे एलर्जिक अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। गाजर, शिमला मिर्च, पालक और दूसरे गहरे रंग के फलों और सब्जियों को डाइट में शामिल करें, क्योंकि इनमें बीटा कैरोटीन होता है।
मौसम में परेशानी - अगर आपके बच्चे को मौसमी परेशानी हो तो उसे मौसम के शुरू होने से पहले डॉक्टर की सलाह से प्रिवैंटिव इनहेलर दे सकते हैं।
लेट नाइट खाना न खिलाए - रात को देर से खाना खाकर सो जाने से अस्थमैटिक बच्चों के लिए नुक्सान होता है। इसलिए बच्चों को सोने से कम से कम 2 घंटे पहले डिनर करवा दें।
Shakuntla Hospital provide
Maternity Hospital,
X-Ray Service Hospital,
Ultra Sound Hospital,
Maternity Nursing Home,
Women's Health,
Medical Treatment,
Healthcare Hospital,
Stone Removal,
Urological Solution,
Specialist Doctors,
Preventive Health Checkups Services.