जाड़े के मौसम को आम तौर पर स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में जठराग्नि प्रबल होती है। भोजन ठीक से पचता है और शरीर में 'धातु निर्माण' अच्छा होता है।
जो लोग अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें सर्दियों में पौष्टिक भोजन अपनी पाचन शक्ति के अनुसार करना चाहिए। गाजर, शलजम, मूली, लौकी, पालक, मेथी, बथुआ आदि को आहार में स्थान देने और इनका सूप बनाकर पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा बादाम, अखरोट, खजूर व किशमिश का सेवन दूध के साथ करने से भी हमारे शरीर का रोग प्रतिरोधक तत्र मजबूत होता है। गाजर, चुकंदर, आवला व पालक के जूस में पुदीने के रस को डालकर दिन में पीने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्राप्त होते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर को विभिन्न रोगों से बचाते हैं।
मौसम का दूसरा पहलू
अपनी अनेक खामियों के साथ सर्दियों का मौसम बच्चों, बुजुर्र्गो और कमजोर लोगों के लिए तकलीफें भी पैदा करता है। इसी तरह उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, दमा व जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों के लिए भी यह मौसम चुनौतिया पैदा करता है। ऐसे लोगों को इस मौसम में अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर खान-पान और सेहत सबधी अन्य बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द और मासपेशियों में दर्द की शिकायत से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से पूरे शरीर में गुनगुने तिल के तेल से मालिश करनी चाहिए। इसके अलावा सौंठ व मेथी का बराबर मात्रा में चूर्ण बनाकर इस मिश्रण में से एक-एक चम्मच सुबह व शाम सेवन करना चाहिए।
उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को योगासन, सुबह की सैर और हल्का व्यायाम करना चाहिए। नित्य एक चम्मच लहसुन का रस, एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। प्रात:काल एक कप पानी में अर्जुन की छाल उबालकर छानकर पिएं।
सास सबधी रोग
जो लोग खासी, नजला, एलर्जी व सास से सबधित रोगों से पीड़ित हैं, उन्हें गर्म जल से स्नान करना चाहिए। ऐसे लोगों को अदरक, लहसुन, अजवायन डालकर सब्जियों के सूप पीने चाहिए। हर दिन च्यवनप्राश का सेवन करना भी हितकर है। कमजोर लोगों, बच्चों व वृद्धों को हर रोज सुबह-शाम शहद का सेवन करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment